७. क्रिया

क्रिया


राज भाई के वीडियो

१. क्रिया - भाग-१
२. क्रिया - भाग- २
३. अकर्मक-सकर्मक
४. पूर्वकालिक क्रिया - प्रेरणार्थक क्रिया
५. सामान्य क्रिया - संयुक्त क्रिया
६. नामधातु - कृदंत क्रिया


अभिनंदन वशिष्ठ जी के वीडियो

१.क्रिया (भाग-१)

२. क्रिया (भाग-२)

३. क्रिया (भाग-३)

४. क्रिया (भाग -४)

५. क्रिया (भाग-५)




क्रिया की परिभाषा

जिस शब्द अथवा शब्द-समूह के द्वारा किसी कार्य के होने अथवा किये जाने का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-

  • सीता 'नाच रही है'।
  • बच्चा दूध 'पी रहा है'।
  • सुरेश कॉलेज 'जा रहा है'।
  • शिवा जी बहुत 'वीर' थे।
इनमें
‘नाच रही है
’, ‘
पी रहा है
’, ‘
जा रहा है
’ शब्दों से कार्य-व्यापार का बोध हो रहा हैं। इन सभी शब्दों से किसी कार्य के करने अथवा होने का बोध हो रहा है। अतः ये क्रियाएँ हैं।

  • क्रिया सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
  • व्याकरण में क्रिया एक विकारी शब्द है।
क्रिया के भी कई रूप होते हैं, जो प्रत्यय और सहायक क्रियाओं द्वारा बदले जाते हैं। क्रिया के रूप से उसके विषय संज्ञा या सर्वनाम के लिंग और वचन का भी पता चल जात है। क्रिया वह विकारी शब्द है, जिससे किसी पदार्थ या प्राणी के विषय में कुछ विधान किया जाता है। अथवा जिस विकारी शब्द के प्रयोग से हम किसी वस्तु के विषय में कुछ विधान करते हैं, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-

  • घोड़ा जाता है।
  • पुस्तक मेज पर पड़ी है।
  • मोहन खाना खाता है।
  • राम स्कूल जाता है।
उपर्युक्त वाक्यों में जाता है, पड़ी है और खाता है क्रियाएँ हैं।

धातु  - हिन्दी व्याकरण

क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है।
क्रिया के साधारण रूपों के अंत में ना लगा रहता है जैसे-आना, जाना, पाना, खोना, खेलना, कूदना आदि। साधारण रूपों के अंत का ना निकाल देने से जो बाकी बचे उसे क्रिया की धातु कहते हैं। आना, जाना, पाना, खोना, खेलना, कूदना क्रियाओं में आ, जा, पा, खो, खेल, कूद धातुएँ हैं। शब्दकोश में क्रिया का जो रूप मिलता है उसमें धातु के साथ ना जुड़ा रहता है। ना हटा देने से धातु शेष रह जाती है।
जैसे - 
  • लिख, पढ़, जा, खा, गा, रो, आदि। इन्हीं धातुओं से लिखता, पढ़ता, आदि क्रियाएँ बनती हैं।

धातु के भेद :

धातु के दो भेद होते है -

  1. मूल धातु , 
  2. यौगिक धातु ।

१ - मूल धातु :

यह स्वतंत्र होती है तथा किसी अन्य शब्द पर निर्भर नहीं होती है।

मूल धातु के उदाहरण :

  • जा, खा, पी, रह, आदि ।

२ - यौगिक धातु :

यौगिक धातु मूल धातु मे प्रत्यय लगाकर, कई धातुओ को संयुक्त करके, अथवा संज्ञा और विशेषण मे प्रत्यय लगाकर बनाई जाती है । 

यौगिक धातु के उदाहरण :

  • उठाना, उठवाना, दिलाना, दिलवाना, कराना, करवाना 
  • रोना-धोना, चलना-फिरना, खा-लेना, उठ-बैठना, उठ-जाना, खेलना-कूदना, आदि। 
  • बतियाना, गरमाना चिकनाना।

यौगिक धातुए तीन प्रकार की होती है - 

  1. प्रेरणार्थक क्रिया 
  2. यौगिक क्रिया
  3. नाम धातु 

१ - प्रेरणार्थक क्रिया : 

प्रेरणार्थक क्रियाए अकर्मक एवं सकर्मक दोनों क्रियाओ से बनती है ।
आना / लाना  
जोड़ने से 
प्रथम प्रेरणार्थक
एवं
वाना 
जोड़ने से 
 द्वातीय प्रेरणार्थक रूप
   बनते  है।  

प्रेरणार्थक क्रिया के उदहारण- 

          मूल धातु   -    प्रेरणार्थक धातु 
  • उठ - ना     -   उठाना, उठवाना
  • दे - ना        -  दिलाना, दिलवाना 
  • कर-ना       -  कराना, करवाना 
  • सो-ना       -   सुलाना, सुलवाना
  • खा-ना       -   खिलाना, खिलवाना

 २- यौगिक क्रिया :

दो या दो से अधिक धातुओं के संयोग से यौगिक क्रिया बनती है। 

यौगिक क्रिया के उदहारण :

  • रोना-धोना, चलना-फिरना, खा-लेना, उठ-बैठना, उठ-जाना, खेलना-कूदना, आदि। 

३- नाम धातु :

संज्ञा या विशेषण से बनने वाली धातु को नाम धातु क्रिया कहते है।  जैसे - गरियाना, लतियाना, बतियाना, गरमाना, चिकनाना, ठण्डाना।

नाम धातु के उदहारण :

  • गाली से गरियाना।
  • लात से लतियाना। 
  • चिकना से चिकनाना। 
  • ठंड से ठण्डाना। 

क्रिया के भेद :

कर्म के अनुसार या रचना की दृष्टि से क्रिया के दो भेद हैं-

रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद:

  1. अकर्मक क्रिया।
  2. सकर्मक क्रिया।
  • अन्य - द्विकर्मक क्रिया

१- अकर्मक क्रिया: 

जिन क्रियाओं का असर कर्ता पर ही पड़ता है वे अकर्मक क्रिया कहलाती हैं। ऐसी अकर्मक क्रियाओं को कर्म की आवश्यकता नहीं होती।

अकर्मक क्रियाओं के उदाहरण :

  • राकेश रोता है।
  • साँप रेंगता है।
  • बस चलती है।

कुछ अकर्मक क्रियाएँ :

लजाना, होना, बढ़ना, सोना, खेलना, अकड़ना, डरना, बैठना, हँसना, उगना, जीना, दौड़ना, रोना, ठहरना, चमकना, डोलना, मरना, घटना, जागना, उछलना, कूदना

२- सकर्मक क्रिया

जिन क्रियाओं का असर कर्ता पर नहीं कर्म पर पड़ता है, वह सकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इन क्रियाओं में कर्म का होना आवश्यक होता हैं.

सकर्मक क्रिया के उदाहरण -

  • मैं लेख लिखता हूँ।
  • सुरेश मिठाई खाता है।
  • मीरा फल लाती है।
  • भँवरा फूलों का रस पीता है।

द्विकर्मक क्रिया

जिन क्रियाओं के दो कर्म होते हैं, उन्हें द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।

द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण-

  • मैंने राम को पुस्तक दी।
  • श्याम ने राधा को रुपये दिए।
ऊपर के वाक्यों में ‘देना’ क्रिया के दो कर्म हैं। अतः देना द्विकर्मक क्रिया हैं।

प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद-

अकर्मक क्रिया:

जिस क्रिया से सूचित होने वाला व्यापार कर्ता करे और उसका फल भी कर्ता पर ही पड़े, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। 

  • जैसे- राम खाता है। 
वाक्य में खाने का व्यापार राम से है और खाने का फल भी राम पर ही पड़ता है, इसलिए 'खाता है' अकर्मक क्रिया है।

अन्य उदाहरणः

  • गीता गाती है।
  • बच्चा खेलता है।
  • श्याम हंसता है।
  • कीड़ा बिलबिलाता है।
  • कुत्ता भोंकता है।

अपूर्ण सकर्मक क्रिया:

जिस क्रिया के पूर्ण अर्थ का बोध कराने के लिए कर्ता के अतिरिक्त अन्य संज्ञा या विशेषण की आवश्यकता पड़ती है, उसे अपूर्ण सकर्मक क्रिया कहते हैं। अपूर्ण सकर्मक क्रिया का अर्थ पूर्ण करने के लिए संज्ञा या विशेषण को जोड़ा जाता है, उसे पूर्ति कहते हैं। 

  • जैसे- गाँधी कहलाये। 
- से अभीष्ट अर्थ की प्राप्ति नहीं होती। अर्थ समझने के लिए यदि पूछा जाय कि गाँधी क्या कहलाये? तो उत्तर होगा- गाँधी महात्मा कहलाये।  इस प्रकार कहलाये अपूर्ण अकर्मक क्रिया का अर्थ महात्मा शब्द द्वारा स्पष्ट होता है। इस वाक्य में कहलाये अपूर्ण अकर्मक क्रिया और महात्मा शब्द पूर्ति है।

अन्य उदाहरणः

  • मेरा भाई शिक्षक हो गया।
  • सोना पीला होता है।
  • साधु चोर निकला।
  • वह मनुष्य बुद्धिमान है।
  • जन्म ही जाति तय करता है।
उपर्युक्त वाक्यों में हो गया, होता है, निकला और है अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ हैं और शिक्षक, पीला, चोर और बुद्धिमान पूर्ति है।

सकर्मक क्रिया:

जिस क्रिया से सूचित होने वाले व्यापार का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़े, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। 

  • जैसे- श्याम पुस्तक पढ़ता है। 
- वाक्य में पढ़ता है क्रिया का व्यापार श्याम करता है, किन्तु इस व्यापार का फल पुस्तक पर पड़ता है, इसलिए पढ़ता है सकर्मक क्रिया है और पुस्तक कर्म शब्द कर्म है।

अन्य उदाहरणः

  • राम बाण मारता है।
  • राधा मूर्ति बनाती है।
  • नेता भाषण देता है।
  • कुत्ता हड्डी चबाता है।
  • लड़के क्रिकेट खेलते हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में 'मारता है', 'बनाती है', 'देता है' और 'चबाता है' सकर्मक क्रियाएँ हैं और बाण, मूर्ति, भाषण और हड्डी शब्द कर्म हैं।

अपूर्ण अकर्मक क्रिया:

जिस अकर्मक क्रिया का पूरा आशय स्पष्ट करने के लिए वाक्य में कर्म के साथ अन्य संज्ञा या विशेषण का पूर्ति के रूप में प्रयोग होता है, उसे अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहते हैं। 

  • जैसे- राजा ने गंगाधर को मंत्री बनाया।
– वाक्य में बनाया अकर्मक क्रिया का कर्म गंगाधर है, किन्तु इतने मात्र से इस कर्म का आशय स्पष्ट नहीं होता। उसका आशय़ स्पष्ट करने के लिए उसके साथ मंत्री संज्ञा भी प्रयुक्त होती है। इस वाक्य में बनाया अपूर्ण अकर्मक क्रिया है, गंगाधर कर्म है और मंत्री शब्द कर्म-पूर्ति है।

उदाहरणः

  • अध्यापक ने संतोष को वर्ग-प्रतिनिधि चुना।
  • हम अपने मित्र को चतुर समझते हैं।
  • हम प्रत्येक भारतीय को अपना मानते हैं।
  • हम मानव सेवा को पुण्य मानते हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में चुना, समझते हैं और मानते हैं अपूर्ण सकर्मक क्रियाएँ हैं। संतोष को, मित्र को और भारतीय को कर्म हैं और वर्ग-प्रतिनिधि, चतुर और अपना कर्म-पूर्ति है।

द्विकर्मक क्रिया:

जिस सकर्मक क्रिया का अर्थ स्पष्ट करने के लिए वाक्य में दो कर्म प्रयुक्त होते हैं, उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे-शिक्षक ने विद्यार्थी को पुस्तक दी।– इस वाक्य में दी क्रिया के व्यापार का फल दो कर्मों- पुस्तक और विद्यार्थी पर पड़ता है, इसलिए दी वाक्य में द्विकर्मक क्रिया है। पुस्तक मुख्य कर्म और विद्यार्थी गौण कर्म है। द्विकर्मक क्रिया के साथ प्रयुक्त होने वाले दोनों कर्म में से मुख्य कर्म किसी पदार्थ का तो गौण कर्म किसी प्राणी का बोध कराता है। उदाहरणः

  • राजा ने ब्राह्मण को दान दिया।
  • राम लक्ष्मण को गणित सिखाता है।
  • मालिक नौकर को पैसे देता है।
  • पुलिस चोरों को पकड़ती है।
उपर्युक्त वाक्यों में दिया, सिखाता है और देता है द्विक्रमक क्रिया है। दान, गणित और पैसे मुख्य कर्म हैं तो ब्राह्मण को, लक्ष्मण को और नौकर को गौण कर्म।

रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद :

रचना की दृष्टि से क्रिया दो प्रकार की होती है-

  1. रूढ़
  2. यौगिक

१- रूढ़ क्रियाः

जिस क्रिया की रचना धातु से होती है, उसे रूढ़ कहते हैं।

  • जैसे, लिखना, पढ़ना, खाना, पीना आदि।

२- यौगिक क्रियाः

जिस क्रिया की रचना एक से अधिक तत्वों से होती है, उसे यौगिक क्रिया कहते हैं।

  • जैसे- लिखवाना, आते जाते रहना, पढ़वाना, बताना, बड़बड़ाना आदि।

यौगिक क्रिया के भेदः

  1. प्रेरणार्थक क्रिया।
  2. संयुक्त क्रिया।
  3. नामधातु क्रिया।
  4. अनुकरणात्मक क्रिया।




1. निम्न में से विकारी शब्द है –
(अ) क्रिया ® (ब) क्रिया विशेषण
(स) निपात (द) समुच्चय बोधक शब्द

2. निम्न में से अकर्मक क्रिया(Akarmak kriya) का उदाहरण है –
(अ) बनाना (ब) तैरना ®
(स) धोना (द) लेना

3. उसने रामू की पिटाई कर दी। इस वाक्य में क्रिया का कौनसा रूप है-
(अ) अकर्मक (ब) संयुक्त ®
(स) प्रेरणार्थक (द) पूर्वकालिक

4. मुझे उससे अपने मकान का नक्शा बनवाना हैै। इस वाक्य में अकर्मक क्रिया(Akarmak kriya) का कौनसा रूप है-
(अ) स्थित्यर्थक (ब) गत्यर्थक
(स) अपूर्ण अकर्मक ® (द) इनमें से कोई नही

5. निम्न में से किस वाक्य में क्रिया सकर्मक रूप में है-
(अ) वह नहाकर आया। (ब) मछली तैरती है।
(स) वह खाना खाता है। ® (द) वे डूब गए।

6. निम्न में से किस वाक्य में द्विकर्मक क्रिया का प्रयोग हुआ है-
(अ) वह मार खाकर चुपचाप चला गया।
(ब) संसद ने खाद्य सुरक्षा कानून पर चर्चा की। (स) प्रधानमंत्री ने चौधरी अजित सिंह को मंत्री बनाया। ®

(द) सवेरा हो गया।

7. क्रिया वाक्य रचना में किस कथन में शामिल रहती है-
(अ) उद्देश्य कथन (ब) विधेय कथन ®
(स) किसी से भी (द) किसी में नहीं

8. ’’द्विकर्मक क्रिया में…………….रिक्त स्थान भरिए-
(अ) प्रथम कर्म अप्राणीवाचक होता है और द्वितीय कर्म प्राणीवाचक होता है।
(ब)प्रथम (गौण) कर्म प्राणीवाचक होता है और द्वितीय (मुख्य) कर्म अप्राणीवाचक होता है। ®
(स) प्रथम व द्वितीय कर्म अप्राणीवाचक होते है।
(द) प्रथम और द्वितीय कर्म प्राणीवाचक होते है।

10. ’’रमेश कल दिल्ली जाएगा’’ इस वाक्य में रेखांकित शब्द है-

(अ) संज्ञा (ब) क्रिया विशेषण ®
(स) संज्ञा विशेषण (द) कर्म

11. नाम धातु नहीं बनती है-
(अ) संज्ञा से (ब) सर्वनाम से
(स) विशेषण से (द) क्रिया से ®

12. अकर्मक क्रिया है-
(अ) खाना (ब) उठना ®
(स) पीना (द) लिखना

13. ’’चिङिया आकाश में उङ रही है।’’ इस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया है-
(अ) अकर्मक ® (ब) सकर्मक
(स) समापिका (द) असमापिका

14. द्विकर्मक क्रिया में कौनसा कर्म प्रधान होता है-
(अ) प्राणीवाचक (ब) पदार्थवाचक ®
(स) दोनों (द) कोई भी

15. उसने अपनी जेब टटोली, पैसे निकाले और टिकट लेकर बस में बैठ गया। इस वाक्य में पूर्वकालिक क्रिया है-
(अ) टटोलना (ब) निकालना
(स) लेना ® (द) बैठना

16. मैं अभी सोकर उठा हूँ। इस वाक्य में सोकर है-
(अ) सकर्मक क्रिया (ब) द्विकर्मक क्रिया
(स) पूर्वकालिक क्रिया ® (द) नाम-धातु क्रिया

16. रचना की दृष्टि से क्रिया के कितने भेद हैं?
(अ) 2 ® (ब) 3
(स) 4 (द) 5

17. निम्नलिखित क्रियाओं में से कौन-सी क्रिया अनुकरणात्मक नहीं है?
(अ) फङफङाना (ब) मिमियाना
(स) झुठलाना ® (द) हिनहिनाना

18. काम का होना बताने वाले शब्द को क्या कहते हैं?
(अ) संज्ञा (ब) सर्वनाम
(स) क्रिया ® (द) क्रिया-विशेषण

19. ’वह जाता है’ वाक्य में क्रिया का प्रकार है-
(अ) अकर्मक ® (ब) सकर्मक
(स) प्ररेणार्थक (द) द्विकर्मक

20. ’राम पुस्तक पढता है’ वाक्य में क्रिया है-
(अ) अकर्मक (ब) सकर्मक ®
(स) द्विकर्मक (द) प्रेरणार्थक

21.प्ररेणार्थक क्रिया का उदाहरण है-

(अ) वह खाता है (ब) मोहन घर गया
(स) गाय चरती है (द) अध्यापक छात्र से पाठ पढवाता है ®

22. ’सदा जागते रहना’ वाक्य में क्रिया है-
(अ) अकर्मक (ब) सकर्मक
(स) संयुक्त क्रिया ® (द) प्ररेणार्थक

23. ’मनोरमा बहुत बतियाती है’ वाक्य में क्रिया है-
(अ) नामधातु क्रिया ® (ब) द्विकर्मक क्रिया
(स) सकर्मक क्रिया (द) अकर्मक क्रिया

24. पूर्वकालिक क्रिया का उदाहरण है-
(अ) वह खाना खाकर सो गया ® (ब) मैंने लेख लिखवाया
(स) दीपक पाठ पढता है (द) दीपा घर गई

25. ’अध्यापक ने छात्र से चाॅक मँगवाई’ वाक्य में क्रिया है-
(अ) प्ररेणार्थक क्रिया ® (ब) अकर्मक
(स) द्विकर्मक (द) सकर्मक

26. रात में तारों का टिमटिमाना अच्छा लगता है-वाक्य में क्रिया है-
(अ) नामधातु क्रिया ® (ब) प्ररेणार्थक
(स) सकर्मक (द) पूर्वकालिक

27. सोनू गया और सोनू घर गया दोनों वाक्यों में क्रिया के प्रकार का युग्म है-
(अ) प्ररेणार्थक और सकर्मक (ब) अकर्मक और सकर्मक ®
(स) पूर्पकालिक और तात्कालिक (द) अकर्मक और द्विकर्मक

28. मोहन खाती से पेङ कटवाता है-वाक्य में क्रिया है-
(अ) अकर्मक (ब) द्विकर्मक
(स) प्रेरणार्थक ® (द) सकर्मक

29. वह गीत सुनता है-वाक्य में क्रिया का प्रकार है-
(अ) सकर्मक ® (ब) द्विकर्मक
(स) प्रेरणार्थक (द) अकर्मक

30. तूने मुझे पुस्तक दी और तूने पुस्तक दी वाक्यों में क्रियाओं का युग्म है-
(अ) द्विकर्मक और सकर्मक ® (ब) सकर्मक और प्रेरणार्थक
(स) प्रेरणार्थक और अकर्मक (द) अकर्मक और सकर्मक

31. प्रेरणार्थक क्रिया का उदाहरण है-
(अ) वह सो गया (ब) अध्यापक ने पाठ पढाया
(स) परिश्रमी आगे बढा करते हैं ® (द) सरस्वती बहुत शर्मीली है

32. ’भोजन करते ही वह सो गया’ वाक्य में क्रिया है-
(अ) पूर्वकालिक क्रिया (ब) तात्कालिक क्रिया ®
(स) अकर्मक (द) सकर्मक

33. ’बेटा पाठ पढकर खेलो’ वाक्य में क्रिया है-
(अ) अकर्मक क्रिया (ब) सकर्मक क्रिया
(स) द्विकर्मक क्रिया (द) पूर्वकालिक क्रिया ®

34. नाम धातु क्रिया’ का वाक्य है-
(अ) गीता गीत गाती है (ब) अनुसूइया बहुत शर्माती है ®
(स) वह गया (द) उसने पानी पिया

35. मालिक नौकर से गड्ढ़ा खुदवाता है, वाक्य में क्रिया है-
(अ) संयुक्त क्रिया का (ब) प्रेरणार्थक क्रिया का ®
(स) अकर्मक क्रिया का (द) सकर्मक क्रिया का

36. संयुक्त क्रिया युक्त वाक्य है-

(अ) राम पाठ पढकर सो गया ® (ब) सोनू खेलता है
(स) छात्र पुस्तक पढता है (द) वह गीत गाती है

37. अकर्मक क्रिया(Akarmak kriya) का उदाहरण है-
(अ) महरी पानी भरती है (ब) सीता गाती है ®
(स) राम ने सीता को पुष्प दिए (द) यशोदा मोहन को सुलाती है

38. ’सुरेश सोता है’ वाक्य में क्रिया है-
(अ) द्विकर्मक (ब) सकर्मक
(स) अकर्मक ® (द) पूर्वकालिक

39. किस वाक्य में क्रिया वर्तमान काल में है-
(अ) उसने फल खा लिए थे। (ब) मैं तुम्हारा पत्र पढ रहा हूँ। ®
(स) अचानक बिजली कौंध उठी। (द) कल वे आने वाले थे।

40. निम्नलिखित वाक्यों में से कौन-सा ऐसा वाक्य है, जिसकी क्रिया, कर्ता के लिंग के अनुसार ठीक नहीं है
(अ) राम आता है। (ब) घोङा दौङता है।
(स) हाथी सोती है। ® (द) लङकी जाती है।